Shree Hanumant Mushtika (श्री हनुमंत मुष्टिका)

Shree Hanumant Mushtika (श्री हनुमंत मुष्टिका)

श्री हनुमंत मुष्टिका

|| श्री गणेशाय नमः||

जय जय हनुमान करो कल्याण

बजरंगबली बालाजी महाराज कहा

भूत प्रेत पिशाच निशाचर तेरे आगे शीश नवा

हुं हुं हुं हनु अंजनी-केसरी नंदन

दर्शन दो तत्क्षण करो शत्रु का भंजन

सदाशिव महादेव के अवतारधारी

क्षण में बिगड़े काम सुधारो सारी

माता पार्वती सहित गुरु सूर्यदेव की आन

ह्रीम् ह्रीम् ह्रीम् हनुमंत करो कल्याण

सुग्रीव के परम मित्र हो तुम

जानकी खातिर समुद्र लाँघ गए तुम

शनि मंगल सहित नवग्रहों के मुक्तिदाता

रोग दु:ख दारिद्र्य भय पीड़ा से मुक्त करो विधाता

हनु हनु हनु हनुमंत महाप्रभु

श्री राम के परम भक्त कहलाए

मूर्छित लक्ष्मण खातिर संजीवनी ला

सकल मनोरथ सिद्ध करो शपथ श्री राम नाम की

चं चं चं चं पवनसुत महावीर की

तन मन कर्म वचन का ध्यान धरो भक्त-ए-रघुराई

राम लक्ष्मण सीता सहित माता अंजनी की तुझे दुहाई

हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।।

* इति श्री गोस्वामी तुलसीदासजी संगे रवि शेखर विरचित श्री हनुमंत मुष्टिका अन्त ।*